सामाजिक शास्त्र
विवाह में आने वाले प्रमुख अरचनों का उल्लेख किजिए।
Ans- विवाह में आने वाले प्रमुख परेशानियों का वर्णन या परेशानियों
इस प्रकार निम्नलिखित है।
1 सर्व प्रथम लड़की के घरवाले ही विवाह का ज्यादा परेशानियों होती है क्योंकि लड़की के उम्र और उसके रंग को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
2 विवाह में लड़के के रंग और उम्र से कोई ज्यादा
फर्क नही पड़ता है क्योंकि उसके बस सरकारी नौकरी से ही मतलब होती है।
3 विवाह में यह माना जाता कि लड़को की लंबाई लड़की की लम्बाई से कुछ ज्यादा होनी चाहिए। यदि नौकरी हो तो लड़के के दोगुना उम्र से भी लड़की के घरवाले बड़ी आसानी से विवाह कर देते हैं। यहाँ तक कि उनके गंजेपन में भी कोई दिक्कत
नही होता है।
4 अभी भी लड़कियों को ज्यादा उम्र के कारण इंटर मिडियट तक पढ़ाना ही उचित समझा जाता है। जो कि सही भी है। ज्यादा से ज्यादा ग्रेपुर जन पढ़ने से और उनके भी नौकरी करने या तैयारी करने से कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। इनके नौकरी होने से उलय या नाकारात्मक प्रभाव ही पड़ता है। नौकरी वाले लड़के ; नौकरी
वाले लड़की से शादी करने से इनकार कर देते हैं।
5 समाज में यह मान्यता फैल गई है कि लड़को की नौकरी होना जरूरी ही है। नहीं तो इनके पढ्ने का कोई अर्थ नहीं बनता है।
6 शुरुआत मे सामाज के लोग यह जी कहते है कि लड़का कोई छोटा मोटा रोजगार पकड़ लेते है कि इनकी शादी हो जायेगी। परन्तु इनके रोजगार करने
से कोई ज्यादा प्रभाव नही पड़ता है।
7 खेती करना तो आज के युवा को विल्कूल भी कोई रिश्ता नही रखना चाहते है। उनक लगता है कि यह काम बहुत पुराना हो चुका है
8 नौकरियों के अलावा छोटा-मोटा दुकान भी खोला जा सकता है। लेकिन दुकान की बहुतायत के कारण ..दुकानों का भी स्तर गिरने लगा है। कोई भी दुकान की कई-कई जगहों पर खुल चुकी है जिससे सामानों की बिक्री वह जाती हैं।
9 अंततः नौकरियो के अलावा बाहर किसी कंपनी या पावर प्लांट में काम करना उचित होने लगता है। जो कि इसमें पढ़ाई की महत्ता को दरकिनार करते हुए। सिर्फ शाहिदीक मेहनत के जरिए ही पेसें का जुटाव मे लग जाते है। इसमें कुछ
ज्यादा डिग्री की भी आवश्यकता नही होती है।
10 कुछ बुद्धिजिवि द्वारा कोचिंग संस्थान की भी स्थापना की जाती है। परन्तु इसे कोई स्थायी होज गार नहीं माना जाता है। इसे बस नौकरी पाने का जरिया ही समझा जाता है।
11 अंततः स्थिति यह बन जाती है कि या तो लड़के और लड़की आपस मे ही शादी करके घर से दूर चले जाते हैं या फिर लड़को की उम्र 35 और लड़कियों की उम्र 30 से पार करने लगती है और जवानीपण का ट्रास होने लगता है।
12 दहेज की ज्यादा महता के कारण लड़के के
अभिभावक भी सरकारी नौकरी करने का दबाव डालने
लगते है। ताकि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में दहेज की बोली लगाई जा सके। आश्चर्य कि बात यह है कि लड़कि वाले भी ज्यादा से ज्यादा पैसे नौकरी वाले को ही देते है। इससे अमीर और अमीर बन जाता और गरीब और गरीब।
13 लड़को के खेतीहर जमीन के ज्यादा रहने से दहेज पर कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता जब तक कि उनके पास सरकारी नौकरी हो।
14 घर बनाने या घर के दो मंजिले और तीन मंजिलों
होने पर भी पैसे की लेन-देन पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ता है।
15 चार-चक्का के घर में रहने का भी पैसे के लेन देन पर कोई प्रभाव नही पड़ता है।
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